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Sunday 11 September, 2011

पहलवान पत्नी


अपनी पहलवान पत्नी से परेशान होकर
पति बोला रे मेरे
प्राणोँ की प्यासी
अच्छा हो मैँ गृहस्थी छोड़कर हो जाऊं संन्यासी ।
चला जाऊं मथुरा या काशी सुनकर पत्नी ने टोका
रे सत्यानाशी
यदि तू हो गया संन्यासी ।
चला गया हरिद्वार या काशी तो अपनी आने वाली
डेढ़ दर्जन बच्चोँ की टीम किसके सहारे करेगा ?
फ्रिज , टी.वी , फर्नीचर इनकी बकाया किश्तेँ
क्या तेरा बाप भरेँगा ?

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