Friday 26 August, 2011
7 कामों से सदा दूर रहें ...वरना उठेंगे बुरे विचार
जीवन में कुछ भी अनावश्यक या नाजायज नहीं है। लेकिन कार्य का एक निश्चित समय, स्थान और अवसर होता है। समय, स्थान और अवसर को ध्यान में रख कर ही किसी बात को सही या गलत ठहराया जा सकता है।
कामवासना इंसान की एसी ही जन्मजात प्रवृत्ति है जो बेहद संवेदनशील, महत्वपूर्ण और मूल्यवान है, लेकिन गलत समय, स्थान और अवसर पर यदि यह प्रवृति हावी हो जाए जो व्यक्ति को गलत रास्ते पर धकेल कर खंडित चरित्र वाला इंसान बना सकती है।
कुछ प्रमुख कारण हैं जो कामवासना की इस शक्ति को गलत समय पर भड़का कर बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है...
- स्त्रि/पुरुष के साथ एकांत में रहना, बातें करना या हंसी-ठिठोली करना,
- तामसी और राजसी भोजन करना,
- अश£ील साहित्य पढऩा,
- कामोत्तेजन दृश्यों को देखना,
- विषय भोग के विचार या कल्पनाएं करना,
- देर रात तक जागना,
- किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करना,
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