लंकादहन का हो रहा
था खेल ।
पहले हनुमान की पूंछ मे कपड़ा लपेटा गया
फिर डाला गया
मिट्टी का तेल ।
तेल की खुशबू पाते ही
तत्काल ।
हनुमान बने कलाकार को जाने क्या सूझी चाल।
मार दी वहीँ से उछाल। लपककर सीधा घर आया। सोये हुवे बच्चे
और पत्नी को जगाया।
और जोर से चिल्लाया
उठो, मैँ मिट्टी का तेल ले आया हूँ।
लंकादहन करने से
पहले ही चला आया हूँ
जल्दी से तेल निचोड़ लेना। पत्नी बोली
हो सके तो पूंछ यहीँ
छोड़ देना।
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