भारतीय रुपए को नया चिह्न मिला।
इसके 'रु' में पहले का झुका हुआ 'उ' तनकर सीधा हो लिया।
हमने भी दुनिया जहान के सामने तनकर डॉलर का कॉलर पकड़कर कहा
'देखो दुनिया वालों, हमारी करेंसी के पास भी प्रतीक चिह्न है।'
वैसे इस रुपए की विशेषता ही यह है कि जिसकी अंटी में होता है,
वह तना-तना ही घूमता है।
सारी दुनिया को अपने ठेंगे पर रखता है।
आज 'कर्म प्रधान विश्व रचि राखा' की जगह पर 'वित्त प्रधान विश्व रचि राखा' का समय है।
पास में वित्त हो तो किसी को भी चित किया जा सकता है।
गाँठ में पैसे हों तो कुछ भी और किसी को भी खरीदा जा सकता है।
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