Friday 26 August, 2011
जिस व्यक्ति में ये 3 गुण हों समझो वह होगा हेल्दी और मांइडेड
आयुर्वेद में एक बड़ी सुन्दर बात कहीं गई है कि यदि किसी को हमेशा स्वस्थ रहना हो तो उसे- हितभुक्, मितभुक् और ऋतभुक् होना चाहिये। यानी व्यक्ति को वही खाना चाहिये तो लाभदायक हो, उचित मात्रा में हो तथा मौसम और ऋतु के अनुसार सही हो।
हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ रहे, सुखी रहे और समाज में उसकी पहचान एक समझदार व्यक्ति की हो।
लेकिन मन की यह चाह हजारों-लाखों में से किसी एक की ही पूरी हो पाती है। किसी को धन की कमी खलती है, तो कोई मानसिक शांति के लिये तरसता रहता है। संयोग से अगर किसी के पास पर्याप्त धन-सम्पत्ति और सुख-सुविधाएं मौजद हों तो दुर्भाग्य से उसका स्वास्थ्य इस लायक नहीं होता कि वह जिंदगी में चैन की बंसी बजा सके। तो ऐसे में आखिर क्या किया जाए कि व्यक्ति सुखी और स्वस्थ तो हो ही पर साथ ही समझदार भी कहलाए।
प्राचीन धर्म शास्त्रों में दी हुई अमूल्य आध्यात्मिक शिक्षाओं में इस विषय में बड़ी ही मारके की बात कही गई है। इनमें कहा गया है कि इन तीन गुणों को अपनाकर कोई भी इंसान सुखी और स्वस्थ होने के साथ ही समझदार भी बन सकता है। ये तीन गुण कुछ इस प्रकार हैं...
1. कम खाना- यानी हमेशा भूख से थाड़ा कम भोजन करने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है।
2. गम खाना- यानी धैर्य रखना और अनिवार्य न होने तक गुस्से या किसी दूसरे आवेश को नियंत्रित रखना।
3. नम जाना- यानी उम्र में बड़े और खुद से अधिक योग्य चाहे वह उम्र और ओहदे में छोटा हो के सामने विनम्र व्यवहार करना।
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