“उसने हमारे जख्मों का कुछ इस तरह किया इलाज,
मरहम भी लगया तो काटों की नोक से”
“तुम्हे गैरों से कब फुरसत, हम अपने गम से कब खाली,
चलो अब हो चुका मिलाना, ना तुम खाली ना हम खाली.”
राजनीति के साईड इफ़ेक्ट …… बहुत ही दर्दनाक होते है . सच में अगर दिल की सुनी जाये तो जीना मुश्किल हो जाये .
खैर राजनीति के तलपट को अगर आप टटोले तो रिश्तो के हुये नुकसान शायद ही कभी पूरे हो .
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