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Monday 21 May, 2012

कविता के बीज


आओ खोजते है ...
कविता के बीज 

ख़ुशी के अश्क 
या फिर गरीब के आँखों में खून 
आदमी से आदमी  के लड़ने का जूनून 
खोजिये 
यही कही पर मिल जायेंगे 
कविता के बीज//

धर्म बदलने की दुकान पर जाए 
कसम खाकर पलट जाने वालों के आँखों में झांके 
सिंदूर लगे पत्थर में खोजें 
मिल जायेगे 
कविता के बीज //

सास-बहु की खटपट में खोजे
देवर-भाभी के चुम्बन में खोजे 
नेताओ के चाल-चलन में खोजें 
मिल जायेंगे 
कविता के बीज //

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