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Wednesday 13 October, 2010

जीवन का सत्य

दुःख आते हैं आने दो सुख जाते हैं जाने दो,
दुःख में दुखी होने नहीं मुश्किलों में देखो रोना नहीं,
जीवन की इस दरिया में नईया अपनी डुबोना नहीं।
सुख-दुःख जिसका नहीं भरोसा, आता सबके जीवन में
पंखुडियों का क्या है भरोसा चार दिनों का देंगीं साथ,
पर काँटों पर करो भरोसा जीवन भर जो रहेंगी साथ।
तुमको किनारा मिल जाएगा परम सहारा मिल जाएगा,
तुने किया जो इनपर भरोसा असंभव् भी संभव हो जाएगा।
सुखी लोग तो रह जाते हैं बिसर प्रभु के सुमिरन से,
दुःख एक ऐसा मार्ग है जिसपर चलकर ही सुख पाते हें
नयी-निराली बात नहीं यह, एक सच है बस जीवन का।
आज नहीं पहले ही सही एक दिल ने मेरे बात कही,
'मत करना भरोसा इस दुनिया पर जो देगी तेरा साथ नहीं
आत्मविश्वास तुम्हारा हो और धयान रहे बस मंजिल का।
अस्त होते सूरज से मैंने छोटा सा एक किया सवाल,
उगते हुए चाँद से फ़रमाया फ़िर दिल का हाल ,
मुझे क्यों भेजा इस दुनिया में जिसपर न कर सकूँ भरोसा ?
अब इतनी तुम मुझपर कृपा करना, जीवनकाल मेरा कम करना,
अगर मैं धोखा पा भी जाऊँ , गम न रहे कई बरसों का।

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